राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल से झारखंड में 22 लाख से अधिक जाति व आवासीय प्रमाण पत्र के आवेदन लंबित पड़े हुए है। बता दें कि बीते 25 दिनों से राजस्व कर्मचारियों का हड़ताल अब भी जारी है।
इस कारण लोगों का जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। और राज्य में लगभग 22,39,209 आवेदन लंबित पड़े हुए है। जानकारी के अनुसार इन आवेदन में अधिक्तर आवेदन विद्यार्थियों के है, जो बिना प्रमाण पत्र के नौकरी और संस्थानों में नामांकन के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
बता दें कि सभी लंबित पड़े आवेदन आनलाईन समर्पित किये गये, लेकिन अंचल कार्यालयों से इनका निबटारा अभी तक नहीं हो पाया है। वहीं इन आवेदनों का निपटारा कब तक हो पायेगा यह भी कहना मुश्किल है।
जाति-आवासीय के बिना फार्म नहीं भर पा रहे विद्यार्थी
बता दें कि बिना जाति व आवासीय प्रमाण पत्र के विद्यार्थी किसी भी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे है। वर्तमान में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के करीब 3120 पदों पर नियुक्ति को लेकर विज्ञापन जारी किया गया है और जलद ही आवेदन भी प्रारंभ हो रहा है। ऐसे समय में जाति-आवासीय प्रमाण पत्र ना बन पाने के कारण लाखों छात्र आवेदन नहीं कर पायेगें।
वहीं झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से निकाले गये औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी के 711 पद और मैट्रिक स्तर के करीब 500 अन्य पदों के लिए भी उम्मीदवार आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे।
तकनीकी संस्थानों के नामांकन में होगी परेशानी
जानकारी के अनुसार जाति-आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बनने से पॉलिटेक्निक, मेडिकल, इंजीनियरिंग और बीएड में नामांकन कराने में भी विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। नामांकन प्रक्रिया के मुताबिक काउंसिलिंग के बाद विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाएगा और इस समय विद्यार्थियों को जाति व आय प्रमाण पत्र के साथ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग का भी प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
इस समय तक प्रमाण पत्र नहीं बनने की स्थिति को लेकर विद्यार्थी संशय की स्थिति में है। हालांकि कई संस्थान विद्यार्थियों का नामांकन तो ले लेते हैं और संबंधित सर्टिफिकेट जमा करने के लिए 15 से 20 दिनों का अतिरिक्त समय देते हैं, लेकिन इस समय के गुजर जाने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं बन पाया, तो विद्यार्थियों को काफी परेशानी होगी।।