एक रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने cyborg कॉकरोच तैयार कर लिया है। इसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जा सकता है।
इस विषय को लेकर विकसित हुई विज्ञान की तकनीक कहा गया है कि cyborg कॉकरोच का इस्तेमाल सर्व लाइंस मिशन और दूसरे कई जगहों पर किया जा सकता है।
स्कूल रिसर्च मिशन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें ज्यादा फंक्शनैलिटी ऐड पर काम किया जा रहा है।
क्या है cyborg ?
समय के अनुसार टेक्नॉलॉजी में काफी बढ़ोतरी हो रही है। इसके वजह से लाइफस्टाइल भी बदल रही है।
मशीनों का विकास हो रहा है। मशीन और ऑर्गेनेज्म के इंटीग्रेशन को लेकर काफी लंबे समय से बहस हो रही है। इसमें कई लोग चिंता जता रहे हैं कि यह लोग हावी हो सकता है।
एक रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों विकसित हुई विज्ञान की तकनीकने cyborg कॉकरोच तैयार कर लिया है। इसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जा सकता है।
इस विषय को लेकर कहा गया है कि cyborg कॉकरोच का इस्तेमाल सर्व लाइंस मिशन और दूसरे कई जगहों पर किया जा सकता है।
Cyborg की खोज
वैज्ञानिकों ने साइबोर्ग की मदद से छोटे भर्जन तैयार कर लिया है। इस इंटरमिक्स के जरिए साइबोर्ग इंसेक्ट को तैयार कर लिया गया है। Cyborg कई जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे अर्बन सर्च और स्कूल में भी इस्तेमाल किया जा सकता है हालांकि यह प्रयोग अभी शुरुआती स्टेज में है। समय के साथ इसका उपयोग अन्य क्षेत्रों में भी किया जाएगा ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है।
किन किन जगहों पर साइबोर्ग का उपयोग होगा? At what places cyborg will be used?
जैसा जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शब्दों का उपयोग लाइफ चेंजिंग के रूप में होने वाला है। इस यूनिट मशीन से इंवॉल्वमेंट को मॉनिटर किया जा सकता है।
इसके अलावा मूवमेंट को भी ट्रैक किया जा सकता है। साइबोर्ग की मदद से प्राकृतिक आपदा के समय गार्डनिंग व्हिस्की एवं स्वच्छ मिशन को भी अंजाम दिया जा सकता है ऐसा वैज्ञानिकों का दावा है।
साहिबा के बारे में एनपीजे फ्लैक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स में जानकारी दी गई है । बताया गया है कि वैज्ञानिकों ने इसकी उपयोगिता को वायरलेस लोको मोशन कंट्रोल को रिचार्ज करके दिखाया है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स में एडवांसमेंट की वजह से ऑर्गेनेज्म और मशीन का इंटीग्रेशन को बढ़ा रहा है।
Cyborg को कैसे बनाया गया है?how to make cyborg?
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कम पावर वाला सेमीकंडक्टर चिप के जरिए इस छोटे से cyborg को तैयार किया गया है। इसको जापान के सेंटर फॉर इमर्जेंट मैटर साइंस ( center for emergent matter science ) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है।
अनुसंधान की टीम ने पहले एक कॉकरोच को बैकअप तैयार किया। इसको ऑर्गेनेज्म के नर्वस सिस्टम से जोड़ा गया। इसका एक पावर आउटपुट पिछले डिवाइस से 20 गुना ज्यादा था।
Cyborg और कॉकरोच को अल्ट्रा थिन सोलर के जरिए तैयार किया गया है। यह इंसेक्ट के मूवमेंट को प्रभावित नहीं करता है।
Team ने क्या-क्या देखा, क्या-क्या पाया?
अनुसंधानकर्ता की टीम ने दिखाया कि किस तरह वायरलेस सिग्नल का इस्तेमाल करके कॉकरोच को लेफ्ट या राइट डायरेक्शन में मुंह किया जा सकता है।
वायरलेस सिग्नल कॉकरोच के नर्वस सिस्टम से अटैच था। वैज्ञानिकों ने बताया कि सिग्नल को चार्ज बैटरी से 2.1 मिनट के लिए वाले असली ट्रांसलेट किया गया।
इस पर वह और भी ज्यादा रिसर्च कर रहे हैं ताकि मूवमेंट के अलावा दूसरे फंक्शनैलिटी को भी ऐड किया जा सके।
आगे इस आर्टिकल में इस साइबर इंसेक्ट के बारे में जो कुछ भी डेवलपमेंट होगा अपडेट किया जाएगा ।